विवरण: मेरु, कामुक सक्कुबस, श्रृंखला की इस चौथी किस्त में लौटती है। पुरुषों के लिए उसकी अतृप्त भूख उसे आकर्षित करती है और उन पर हावी हो जाती है, जिससे वे उसके अप्रतिरोध्य आकर्षण के खिलाफ शक्तिहीन हो जाते हैं। जब वह परमानंद और आनंद की नई गहराइयों की खोज करती है तो देखें।